Solar Chakki

बिहार में सोलर चक्की। बिहार में सोलर आटा चक्की। चक्की के लिये सोलर | Solar Chakki in Bihar

Solar Chakki in Bihar – at Amazing Service

Solar Chakki in Bihar बिहार (Bihar) उत्तर भारत मे स्थित एक बेहद खूबसूरत राज्य है, जिसकी राजधानी पटना (Patna) है, अगर बिहार की कुल आबादी की बात करें तो 2021 की जनगणना के अनुसार 12.7 करोड़ है । बिहार के लोगो को लिट्टी चोखा खाना बहुत अधिक पसंद है, शायद इसलिए लिट्टी चोखा बिहार का नेशनल डिश है । अब बात कर रहे है लिट्टी – चोखा का तो लिट्टी बनता है गेंहू के आटे से और गेहूं को आटा बनाने के लिये जरूरत होती है आटा चक्की (Atta Chakki) की , क्योकि बिहार में एक बड़ी आबादी को रोटी और लिट्टी खाना पसंद है , ऐसे में आटा चक्की का बिज़नेस यहाँ भली भांति फलता फूलता है। दिन पर दिन आटा चक्की के बिजनेस की मांग बढ़ती ही जा रही है । लेकिन अभी तक जो लोग आटा चक्की का बिजनेस करते है उनमें से बहुत से लोग डीजल या बिजली से आटा चक्की को चलाते है । जिससे उनको नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। differences between Solar Chakki and Other Chakki डीजल से आटा चक्की(Chakki with diesel): बिजली से चक्की(Chakki With Electricity): सोलर चक्की(Solar Chakki) प्रतिदिन हजारों रूपये का खर्च भारी – भरकम बिजली का बिल कोई खर्च नहीं समय के साथ कीमतों में वृद्धि समय के साथ कीमतों में वृद्धि पच्चीस सालों तक कोई खर्च नही इंजन का मेंटनेंस खर्च मोटर और ट्रांसफार्मर का मेंटनेंस खर्च जीरो मेंटनेंस डीजल लाने के लिये प्रतिदिन सफर ट्रांफॉर्मर जलने पर ऑफिस के चक्कर परिवार के साथ आराम ध्वनि प्रदुषण / वायु प्रदुषण असमय बिजली का आना समय से काम कम बचत कम बचत पूरा – पूरा बचत दुसरो पर निर्भर दुसरो पर निर्भर आत्म निर्भर differences between Solar Chakki and Other Chakki ऐसे बहुत से कारण है जो इस अत्यधिक मुनाफे वाले बिजनेस को घाटे का बिजनेस बनाता जा रहा है । लेकिन इंसान जब – जब प्रॉब्लम से घिरा है , उसका सलूशन भी लेकर आया है । ऐसे में आटा चक्की के बिजनेस को सवार्धिक मुनाफे का बनाने के लिये आ गया है सोलर सिस्टम, जो की बिहार में सोलर चक्की (Solar Chakki in Bihar) के व्यापारियों के लिये वरदान साबित हो रहा है । सोलर चक्की (Solar Chakki) : जी हां सोलर सिस्टम (Solar System) से जब आप अपने चक्की को चलाते है तो उसे सोलर चक्की कहते है, जो एक बार लगता है उसके बाद 25 से अधिक साल तक उसकी उम्र होती है, और सबसे ख़ास बात इसमें प्रतिदिन पिसाई करने वाली लागत जीरो हो जाती है । मतलब ये है कि आप अब अपनी पूरी कमाई का आनंद खुद लेंगे और कही जाने की भी जरूरत नही पड़ेगी । उद्धारण से समझे तो अगर आप चक्की चलाने डीजल / बिजली पर २००००/ महीना खर्च कर रहे है ,तो साल में आप 20000 X 12 = 240000 रूपये खर्च कर देंगे , और पच्चीस सालो में आप 6000000 (साठ लाख रूपये ) बस डीजल या बिजली पर खर्च कर देंगे , जिसमे समय के साठ बढ़ती महंगाई , इंजन / ट्रांफॉर्मर / मोटर का ख़राब होने का पैसा अलग से लगेगा। ऐसे माने तो आप सोलर से आप 60 -70 लाख रूपये तक बचा सकते है। सोलर चक्की (Solar Chakki ) में आपके चक्की को सोलर से चलाया जाता है , जिसमे आपको थ्री फेज के मोटर की जरूरत होती है , जिसका साइज आपके चक्की के साइज के अनुसार होता है। सोलर चक्की में आपको आन्या ग्रीन एनर्जी की तरफ से आपको सोलर पैनल (Solar Panel) , ड्राइव (Drive), अर्थिंग (Earthing), लाइटिंग अरेस्टर (LA) और उसको लगाने के लिए सहयोगी उपकरण मिलते है। सोलर पैनल मुख्यतः दो प्रकार के होते है पॉली सोलर पैनल और मोनो सोलर पैनल। पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल (पॉली सोलर पैनल) सिलिकॉन के कई क्रिस्टल से बने होते हैं। पॉली सोलर पैनल गहरे नीले रंग का दिखता है, प्लाई सोलर पैनल , मोनो सोलर के अपेक्षा कम एफिशिएंसी वाला होता है लेकिन इसकी भी उम्र पच्चीस सालों से अधिक होती है। पाली सोलर पैनल का उपयोग बहुत ही बृहद स्तर पर हुआ है जैसे कि :रेलवे स्टेशन पर , हॉस्पिटल पर , सरकारी ऑफिस पर , सोलर वाटर पंप में , सोलर आटा चक्की में , इंडस्ट्रीज इत्यादि लगभग सभी प्रकार के सिस्टम के रूप में पॉली सोलर पैनल का प्रयोग किया जा चूका है। पॉली सोलर पैनल अलग अलग साइज और एफिशिएंसी के आते है जैसे : मोनो सोलर पैनल (Mono Solar Panels) : मोनोक्रिस्टलाइन पैनल सिलिकॉन के एक क्रिस्टल से बने होते हैं।मोनो सोलर पैनल दिखने में काले रंग के होते है , इनकी एफिशिएंसी पॉली सोलर पैनल के अपेक्षा अधिक होती है , आज के समय में मोनो सोलर पैनल का उपयोग बहुत ही बड़े लेवल पर किया जा रहा है। किसी भी प्रकार के बड़े सिस्टम को लगाने के लिए मोनो सोलर पैनल का प्रयोग किया जा रहा है। मोनो सोलर पैनल अलग अलग साइज और एफिशिएंसी के आते है जैसे : मोनो पर्क हाफकट (Mono Perc Half cut Solar Panels):यह भी मोनो सोलर पैनल होता है , लेकिन इसकी खास बात होती है कि यह एक पैनल में दो पैनल सा काम करता है , जिससे अगर कभी आपके पैनल के किसी भाग पर छाव आता है तो पूरा पैनल डाउन होने के जगह बस आधा पैनल ही डाउन होता है और आधा पैनल अपने फुल एफिशिएंसी से काम करता रहता है। यह सोलर पैनल 540W का आता है। इसको VFD भी कहते है , जो सोलर पैनल से आने वाले डीसी करंट को, ए सी करंट में बदलकर मोटर को देता है। ड्राइव एक तरीके से सोलर सिस्टम का ब्रेन होता है जो आपको सोलर पैनल से उत्पन्न होने वाले करंट से लेकर मोटर द्वारा उसे की जाने वाले करंट की पूरी जानकारी देता है। आन्या ग्रीन एनर्जी कि ड्राइव बेहद मजबूत क्वालिटी की बनी होती है जिसमे डबल डोर लगा हुआ होता है जो ड्राइव के लाइफ को बहुत अधिक बढ़ा देता है। साथ में यह ड्राइव IP55 रेटिंग से सर्टिफाइड होता है जो धूल और पानी से आपके ड्राइव को प्रोटेक्ट करता है। VFD ( Variable Frequency Drive ) की खास बात होती है कि यह फ्रीक्वेंसी के अनुसार अपने आपको मैनेज करता है जो मोटर

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