सोलर आटा चक्की का रोजगार बहुत ही फायदेमंद रोजगार बन रहा है !

हमारे देश मे चक्की का व्यापार (Business of flour Mill) काफी लंबे समय से लाखों लोगों को रोजगार देता आया है और करोड़ों लोगो के खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जिम्मेदारी आटा चक्की पर होती है। लेकिन समय के साथ बढ़ रही डीजल और बिजली की महँगाई ने इस व्यापार को मंदा बना दिया है, जिसके कारण बहुत से लोग अपने चक्की के व्यापार को छोड़ दूसरे रोजगार की तरफ जाने लगे है, लेकिन एक तरफ जहाँ लोग महँगाई से परेशान होकर अपना रोजगार बदलने की सोच रहे थे वही दूसरी तरफ आन्या ग्रीन एनर्जी (Anya Green Energy) इस समस्या का हल ढूढने में लगी थी, और उन्होंने इसका एक बेहद भरोसेमंद टिकाऊ हल निकाला, जिससे अब आटा चक्की का रोजगार करने वाले भाई बंधु फिर से महँगाई के मार से बाहर आकर मुनाफे का रोजगार बना पाएंगे, तो आइये समझते है आटा चक्की के रोजगार से जुड़ी हर एक कड़ी –

आटा चक्की रोजगार के क्या फ़ायदे है :

हमारे देश मे करोडों लोगो को खुद से गेंहू साफ करके ताजा पिसा हुये आटा की रोटी खाना बहुत पसंद है साथ मे सरसो या अन्य तिलहन वाले अनाज की पेराई कराकर शुद्ध तेल में खाना खाना भी पसंद है, जो चक्की के रोजगार को एक सफल व्यवसाय बनाता है। अगर आज के समय की बात करे तो लोग मुख्यतः चक्की चलाने के लिए डीजल या बिजली का प्रयोग करते है। चक्की का रोजगार उन लोगो के लिये भी सबसे अच्छा होता है जो अपने गांव या घर पर रहकर परिवार के साथ समय बिताना चाहते है, साथ मे अपने खेती बाड़ी का भी देखभाल करना चाहते है। डीजल इंजन से चक्की चलाने में क्या क्या समस्या आ रही है ? समय के साथ डीजल के दामों में काफी उछाल आया है, जिससे डीजल इंजन से पिसाई कर रहे चक्की और तेल मिल के व्यापारी भाइयों का मुनाफा कम होता जा रहा है, और पिसाई एवं पेराई का दाम भी बढ़ाना पड़ता है जिससे आम आदमी के जेब पर भी भारी असर पड़ता है और इसकी वजह से दिन प्रतिदिन ग्राहक भी कम होते जाते हैं। प्रतिदिन डीजल को लेने जाने के लिए समय और भाड़ा भी देना पड़ता है, समय समय पर डीजल की इंजन की सर्विस करवाना और अगर इंजन ख़राब हो गया तो उसको बनवाना और ऐसे में कई दिनों तक व्यापार ठप हो जाना भी एक बहुत बड़ा समस्या है। बिजली से चक्की चलाने में क्या क्या समस्या आ रही है ? अगर बात करे उनकी जो बिजली से चक्की चला रहे, तो उन्हें कमर्शियल बिजली का कनेक्शन लेना पड़ता है जिससे उनका महीने का बिजली का बिल (High Electricity Bill) बहुत अधिक आता है , ऊपर से बिजली की असमय कटौती एक बहुत बड़ा समस्या का कारण बन जाता है. उद्धाहरण से समझे तो सुरेश जी,जो बिजली से अपनी आटा चक्की का काम करते थे , उनके यहां कभी बिजली दिन में तो कभी रात में आती थी जिससे उनको मध्य रात्रि में बिजली आने पर काम करना पड़ता था। समय पर नीद पूरी नहीं होने के कारण उनके साथ उनके परिवार वालो के सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता था , साथ में उनके बच्चे रात के चक्की के होने वाले शोर की वजह से सो नहीं पाते थे जिससे उनको स्कूल में नीद आती थी और पढ़ाई नहीं कर पाते थे। और बिजली की अनियमता के कारण सुरेश जी अपने घर के बाकि कामों पर समय नहीं दे पाते थे जिससे उनकी फसल भी सही से नहीं होती थी और अगर कुछ दिन के लिए बिजली ख़राब हो गई तो उनका व्यापार रुक जाता था. सोलर आटा चक्की क्या है और कैसे है फायदेमंद ?? जब हम अपने नार्मल आटा चक्की को डीजल या बिजली की जगह सोलर से चलाते है तो उसे सोलर आटा चक्की (Solar Aata Chakki) कहते है।

आन्या ग्रीन एनर्जी :

आन्या ग्रीन एनर्जी जो की सन् 2013 में स्थापित हुई थी और सोलर के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी है।आन्या ग्रीन एनर्जी ने 2015 में सोनभद्र जिले में पहली सोलर आटा चक्की का सफलतापूर्वक इंस्टॉलेशन किया और उसके बाद अनेकों जगह सोलर द्वारा चलने वाले आटा चक्की का सफलतापूर्वक इंस्टॉलेशन किया जो कि बिना किसी समस्या के अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। सोलर आटा चक्की के प्रत्यक्ष फायदे : मान लीजिये कोई व्यापारी बंधु जो आटा चक्की का रोजगार करते है और उनके पास डीजल इंजन है और वह अपने चक्की के व्यापार को डीजल इंजन से चलाते है तो अनुमानन प्रत्येक महीने में 25000 से 30000 हजार रूपये वो डीजल पर खर्च कर देते है और डीजल लाने ले जाने में खर्च और समय तो अलग ही है, वही अगर कोई व्यापारी बंधु है जो अपने व्यापार को बिजली से चलाते है तो 15000 से 2000 हजार रूपये का बिल भर देते है। ये अनुमानित खर्च आज के हिसाब से है लेकिन आने वाले दिनों में डीजल और बिजली के दामों में जितनी वृद्धि आएगी उस हिसाब से उसका खर्च भी बढ़ेगा। अब अगर कोई व्यापारी बंधु अपने चक्की को चलाने के लिए डीजल या बिजली की जगह सोलर सिस्टम लगाते हैं तो वह प्रति महीने होने वाले डीजल या बिजली के खर्च से आजीवन मुक्ति पा सकते हैं। सोलर पैनल कितने टिकाऊ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की कंपनियां सोलर पैनल पर तो 25 सालो की वारंटी देती है। इसमें मेन्टेन्स के नाम पर बस सफाई करनी होती है जो कोई भी व्यक्ति कर सकता है। साफ़ शब्दों में बोले तो हर महीने होने वाले खर्च से मुक्ति के साथ साथ समय के साथ बढ़ रही महंगाई से भी छुटकारा मिल जायेगा