मोनो पर्क हाफ कट सोलर माड्यूल

चलिए हम बात करें उस सोलर पैनल की जो कि आजकल काफी चर्चा में है हर तरफ उसी को लोग पूछे जा रहे हैं जी हां मोनो पर्क हाफ कट सोलर पैनल, अभी तक हमने पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन पैनल के बारे में देखा सुना और पढ़ा है। आज हम एक और सोलर मॉड्यूल की बात कर रहे हैं जिसे मोनो पर्क हाफ कट सोलर पैनल कहते हैं। नई टेक्नोलॉजी के यह पैनल कई एडवांस फीचर के साथ आते हैं और बेहतरीन प्रदर्शन देने वाले साबित हो रहे हैं इनकी एफिशिएंसी 20% से ज्यादा होती है इनकी शुरुआत 2014 में यूरोपियन कंपनी के द्वारा हुई थी, हाफ कट सोलर पैनल में सिलिकॉन सेल तो वही होते हैं जो कि दूसरे मोनो पैनल में होते हैं पर इनकी साइज थोड़ी बड़ी (182 x182 mm) होती है और इसमें लगे सेल्स को बराबर साइज में लेजर द्वारा दो भागों में कट कर दिया जाता है। जैसा कि आप जानते हैं पहले जो पैनल होते थे वह 60 सेल और 72 सेल के बने होते थे लेकिन हाफ कट वाले पैनल 120 सेल से लेकर 144 हाफ कट सेल से बने होते हैं और हाई टेक्नोलॉजी होने की वजह से इनमें बस बार की संख्या 9 से 12 तक होती है जिससे इनकी एफिशिएंसी काफी अच्छी हो जाती है, हाफ कट सोलर पैनल को अगर सही से देखा जाए तो इसमें 2 भाग होते हैं एक भाग में 72 सेल और दूसरी भाग में भी 72 सेल होते हैं जिन को मिलाकर 144 सेल्स होते हैं इसका फायदा यह होता है कि दोनों भाग अलग-अलग काम करते हैं अगर किसी एक भाग पर छाया पड़ रही है तो उसी का जनरेशन कम होगा दूसरा भाग अपनी पूरी क्षमता से काम करता रहेगा जैसा कि आप जानते हैं पुराने पैनलों में अगर किसी भी हिस्से पर छाया पड़ती थी तो पूरे पैनल कि क्षमता कम हो जाती थी , हाई एफिशिएंसी के वजह से मोनो पर्क हाफ कट सोलर पैनल उपयोग में लाने से पूरे सोलर प्लांट की जो क्षमता है वह कई गुना तक बढ़ जाती है क्योंकि यह कम जगह में ज्यादा बिजली का उत्पादन करते हैं, और यही कारण है कि हाफ कट सोलर पैनल के डिमांड दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।

मोनो पर्क हाफ कट सोलर पैनल 445 और 540 वाट में उपलब्ध है और अब कंपनियां 650 वाट तक के पैनलों पर काम कर रही हैं जो कि जल्दी ही मार्केट में आ जाएंगे तो इससे आपको कम संख्या में पैनल लगाकर ज्यादा बिजली या उत्पादन मिल जाएगा अगर बात करें कि मोनो पर्क हाफ कट सोलर पैनल कि किस तरह के सोलर प्लांट के लिए उपयोगी होंगे तो रेजिडेंशियल प्लांट चाहे वह 1 किलो वाट का हो या फिर 1000 किलो वाट का कमर्शियल सोलर सिस्टम हो। कहीं पर भी मोनो पर्क हाफ कट पैनल को बड़ी आसानी से अलग-अलग संख्या में सीरीज बनाकर उपयोग में लाया जा सकता है। सिस्टम ऑफ ग्रिड हो ऑन ग्रिड हो हर तरह के सिस्टम में बहुत ही उपयोगी है क्योंकि अगर हम कंपेयर करें एंपियर जनरेशन की तो जहां पॉलीक्रिस्टलाइन 335 वाट के सोलर पैनल से हमें लगभग 9 एंपियर का जनरेशन मिलता है वही 445 वाट के मोनो पर्क हाफ कट सोलर पैनल से लगभग 11 एंपियर का जनरेशन मिलता है पर अगर बात करें 540 वाट के हाई एफिशिएंसी मोनो पर्क हाफ कट सोलर पैनल की तो इससे हमें लगभग 12.9 एंपियर का जनरेशन मिलता है।

जैसा कि आप जानते हैं कि किसी भी सिस्टम को चलाने के लिए वोल्ट के बाद एंपियर ही सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर है जितना अधिक एंपियर उतना ही बढ़िया काम। अगर हम बात करें रखरखाव की तो इसे भी बाकी पैनलों की तरह ही रखरखाव की जरूरत होती है समय समय पर सोलर पैनल पर पड़े धूल मिट्टी को साफ करना होता है (धुलाई करके) जिससे बिजली बनाने में कोई परेशानी ना हो साफ सफाई से सोलर माड्यूल की एफिशिएंसी बरकरार रहती है। चुकी सोलर पैनल सूरज की रोशनी द्वारा ही हमें बिजली उपलब्ध कराते हैं इसलिए पैनल को भली प्रकार से साफ रखना जरूरी होता है जिससे सोलर पैनल में लगे सिलिकॉन सेल्स को उष्मा अवशोषित करने में कोई बाधा ना हो सोलर सिस्टम द्वारा हम जिस भी उपकरण को चलाना चाहते हैं उसके लिए सोलर पैनल का भी रखरखाव करना जरूरी है जितना कि हम दूसरे उपकरणों का करते हैं।